Principals Message

Principal Message
-Dr. (Smt.) Saroj Bala Shyag Bishnoi

प्राचार्य की कलम से ...

प्रिय विद्यार्थियों,  देश  के भावी कर्णधार हमारे भविष्य की धरोहर महाविद्यालय में आपका आत्मीय स्वागत है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा बी ग्रेड, 7 ,8  अप्रैल 2022 को मूल्यांकित  कोयलांचल के आदिवासी बहुल क्षेत्र में 1973 में सिद्धबाबा पहाड़ी की तलहटी में मनमोहक सौंदर्ययुक्त प्राकृतिक वातावरण में स्थापित हमारे महाविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर, पी.जी.डी.सी.ए. स्तर पर लगभग 1624 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। महाविद्यालय में समृद्ध पुस्तकालय, वाचनालय विभागीय पुस्तकालय,  निःशुल्क वाईफाई, इंटरनेट, पत्र पत्रिकाओं, आधुनिक प्रयोगशालाओं, स्मार्ट क्लासरूम प्रोजेक्टर के माध्यम से अध्यापन सुविधायें, सी.सी. टी.व्ही. कैमरेयुक्त सुरक्षित रैगिंगरहित शांत शैक्षिक परिवेश, सेमीनार हॉल, समवेत कक्ष तथा खेल मैदान, जिम, मिनी स्टेडियम, बालक छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है।
महाविद्यालय पाठ्येत्तर गतिविधियों रेडक्रॉस, रासेयो, खेलकूद, साहित्यिक, सांस्कृतिक गतिविधियों, कैरियर मार्गदर्शन, उधयमिता विकास कार्यक्रम विविध विषयों पर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, योग प्रशिक्षण, कराटे प्रशिक्षण, रक्तदान शिविर, नशा उन्मूलन कार्यक्रम सात दिवसीय विविध ग्रामीण जागरूकता कार्यक्रमयुक्त आवासीय शिविर के माध्यम से विद्यार्थियों में सेवा समर्पण, भाव संवेदना, सद्भाव, चिन्तन की उत्कृष्टता, क्रियाकलापों में सदशयता एवं आदर्शवादिता का समावेश कर व्यक्तित्व के समस्त आयामों यथा समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी एवं बहादुरी का बीजारोपण कर व्यक्तित्व में मधुरता, स्वच्छता, सादगी एवं सज्जनता, राष्ट्रीय एकता एवं समता के प्रति निष्ठावान बनने की प्रेरणा दी जाती है। व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में महाविद्यालय का शैक्षिक एवं सहपाठ्येत्तर गतिविधियों के परिणामस्वरूप आपसी भाईचारा, स्नेह, प्रेम, सौहार्द्र, नम्रता, धैर्य, सत्य, अहिंसा, उदारता, न्यायशीलता, निराल्सय, आदि गुणों को सच्ची सम्पत्ति मानकर जीवन में वासुदेव कुटुम्बकम् की भावना को चरितार्थ कर सबके हित में अपना हित समझने की प्रेरणा दी जाती है। महाविद्यालय की प्रगति को वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में निःसंदेह महाविद्यालय के कर्मठ अधिकारी एवं समस्त कर्मचारीगण के निरंतर सकारात्मक सहयोग से यह महाविद्यालय गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की दिशा में अनवरत् अग्रसर है।

मनुष्य अपने भाग्य का निर्माणकर्ता नियंत्रणकर्ता एवं स्वामी स्वयं है। अतः स्वयं देश के उत्कृष्ट नागरिक बनें दूसरों को श्रेष्ठ बनाने में अपना योगदान दें। विद्यार्थियों आप सभी को यह समझ लेना चाहिए कि मनः स्थिति ही परिस्थितियों की जन्मदात्री है। चेतना का स्वस्थ स्तर का प्रमाण, परिचय विचार-प्रवाह के आधार पर मूल्यांकित होता है। आपका शरीर मनः संस्थान आपका सक्रिय सहयोग करता है। साधनों की न्यूनाधिकता ही अनुकूल प्रतिकूल परिस्थिति के नाम से जानी जाती है। साधन शरीर द्वारा जुटाये जाते हैं। चेतना आकांक्षा उत्पन्न करती है। यही कारण है कि एक जैसी परिस्थितियों में जन्में मनुष्यों में से कुछ उन्नति के शिखर स्तर तक जा पहुँचते है।

हमारा ध्येय महाविद्यालय एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों का निरंतर सर्वांगीण चुहुँमुखी विकास है। आप सभी महाविद्यालय का गौरव बनें। महाविद्यालय को नई ऊँचाईयाँ प्रदान करें। हमारी प्रतिबद्धता है कि आपका उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो, शुभकामनाओं सहित ...